वर्तमान समय में जहां शादी के कुछ समय बाद ही कपल में उनबन होने लगती है, या लड़के और लडकिय पैसे शोहरत देखते हुए अपने साथी का चुनाव करते है, जो आगे जाकर एक गलत निराने साबित होता है वही कुछ ऐसे लोग भी जो तमाम तरह की कमियों के बाद भी अपने सच्चे प्यार के प्रति समर्पित रहते हैं ऐसे ही एक सच्ची कहानी है नूर मुहम्मद और फरहत की,
नूर मुहम्मद और फरहत तब मिले थे जब नूर की उम्र महज २८ वर्ष की थी, नूर से मिलते ही फरहत को इस बात का अंदाजा लग गया था की की नूर एक बहुत ही अच्छे इंसान है
लेकिन दोनों के लिए ये आसन नही था नूर को एक बहुत बड़ी विचित्र बीमारी थी जिसमे उनके स्किन पे मोटी मोटी गांठे पड़ जाती है, जिसकी वजह से फरहत के घर वाले नही चाहते थे की उनकी शादी नूर से हो
फरहत ने बताया की मेरे परिवार के सदस्यों ने कहा “तुम्हे भले ही ये ये सब अभी भुत अच्छा लग रहा है लेकिन आगे चलकर नूर की इस बिमारी की वजह से काफी परेशानी उठानी पड़ेगी”
लेकिन फातिमा को भरोसा था की नूर एक सच्चे और नेकदिल इंसान है, उनकी इस जिद के आगे फरहत के घर वाले कई डॉक्टर के भी मिले लेकिन नतीजा कुछ नही निकला
नूर और फरहत की शादी और आज उनके ३ बच्चे है, लेकिन उन बच्चो में नूर जैसे कोई भी बिमारी नही
जिन लोगो को ये जानना है की सच्चा प्यार क्या होता है उनके लिए नूर और फरहत की ये कहानी एक सन्देश है, जहां भरोसा और समर्पण होता है वही सच्चा प्यार होता है