सेना में भर्ती की प्रक्रिया काफी जटिल होती है इसके लिए कई तरीके की शारीरिक परीक्षाओं को पास करना होता है जो इंसान एक परीक्षाओं को पास करता है उनको सेना में बतौर सैनिक भर्ती किया जाता है शायद आपको मालूम ना हो पर यहां पर एक नियम यह होता है कि आपकी बौद्धिक क्षमता से ज्यादा आपकी शारीरिक क्षमता ज्यादा महत्वपूर्ण होती है क्योंकि सैनिक किसी सेना का एक अभिन्न अंग है जिनके कारण सैनिक देश की सुरक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं
लेकिन सैन्य छाया की यह प्रक्रिया आसान नहीं होती आप भले ही कितने फिट ना हो लेकिन अगर आपके शरीर में या आपके शरीर की बनावट विशेष प्रकार की नहीं है तो आप को सेना में भर्ती नहीं किया जाएगा उन्हीं में से पहले नंबर पर आता है पैर का घुमावदार ना पैर का सपाट होना यदि आप का पाठ है कितने भी अच्छे हैं कद काठी कितनी भी सुदृढ़ हो आप को सेना में भर्ती नहीं किया जाएगा आइए जानते हैं
सपाट पैरों वाले लोगों के पैरों के निचले हिस्से में घुमाव नहीं होता। यही घुमाव एक स्प्रिंग की तरह कार्य करता है, जिसके होते आप तेज़ी से चल और भाग सकते हैं। सपाट पैरों वाले व्यक्ति ना तेज़ी से चल सकते हैं, ना ही भाग सकते हैं। साथ ही दौड़ने, कूदने जैसी गतिविधियों में समस्या आती है। इन गतिविधियों के करने से उनके पैर में दर्द भी होता है। बाद में यही दर्द, घुटनों, पीठ के निचले हिस्से और कूल्हे तक पहुंच जाता है। इस कारण शरीर के वजन का वितरण असमान हो जाता है, जो बड़ी समस्या का कारण बन सकता है।
पैरों में यह घुमाव ना होने को, हमारी सेनाओं द्वारा “शारीरिक अक्षमता” माना जाता है और यही कारण है, की भारतीय सेनाओं में सपाट पैरों वाले व्यक्तियों को भर्ती नहीं किया जाता।